
📖 शिक्षक दिवस कब से मनाया जाता है?
शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 से हुई थी। यह दिन भारत के महान शिक्षक, दार्शनिक और देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
जब उनके कुछ शिष्यों और मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई, तो डॉ. राधाकृष्णन ने कहा—
👉 “मेरे जन्मदिन को यदि आप विशेष बनाना चाहते हैं तो इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाइए।”
तभी से हर साल 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
आइए अब पढ़ते हैं इस छोटे से लेख को जो सभी अध्यापकों वह विद्यार्थियों को समर्पित हैं।
🌟 A Teacher is Not Just a Guide, But a Light of Life 🌟
“A teacher is not just a guide, but a light of life” — यह पंक्ति हर उस इंसान की सच्चाई को दर्शाती है, जिसने अपने जीवन में किसी शिक्षक का मार्गदर्शन पाया है। शिक्षक सिर्फ पढ़ाई कराने वाले नहीं होते, बल्कि वह इंसान को गढ़ने वाले होते हैं।
📖 शिक्षक का असली योगदान
🕯️किताबें हमें ज्ञान दे सकती हैं, लेकिन उस ज्ञान का सही उपयोग सिखाने वाला सिर्फ शिक्षक ही होता है।
🕯️एक शिक्षक बच्चे को उसकी छिपी हुई प्रतिभा पहचानने में मदद करता है।
🕯️वे हमें अच्छाई-बुराई का फर्क समझाते हैं।
🕯️वे जीवन की कठिन राहों पर चलने का हौसला और आत्मविश्वास देते हैं।
💡 संघर्ष और शिक्षक की रोशनी
हर इंसान के जीवन में अंधकार के पल आते हैं। कभी पढ़ाई में असफलता, कभी करियर का तनाव, कभी आत्मविश्वास की कमी—इन सब परिस्थितियों में शिक्षक ही वो दीपक हैं, जो अंधकार को दूर कर रोशनी दिखाते हैं।
👉 उदाहरण:
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने हमेशा कहा कि उनकी सफलता का श्रेय उनके शिक्षकों को जाता है। अगर उनके शिक्षक ने उनका मार्गदर्शन न किया होता, तो शायद वे ‘मिसाइल मैन’ न बन पाते।
🌹 शिक्षक: जीवन के असली निर्माता
शिक्षक हमें सिर्फ अच्छा छात्र नहीं बनाते, बल्कि हमें अच्छा इंसान भी बनाते हैं। वे जीवनभर हमारी सोच, हमारे संस्कार और हमारे व्यक्तित्व पर अपनी छाप छोड़ते हैं।
🙏 निष्कर्ष
सही मायने में शिक्षक जीवन के दीपक होते हैं। वे केवल किताबों का ज्ञान नहीं देते, बल्कि इंसान को जीवन जीने का सच्चा अर्थ सिखाते हैं। इसीलिए यह कहना बिल्कुल उचित है—
✨ “A teacher is not just a guide, but a light of life.” ✨