IIT वाले बाबा (अभय सिंह) इश्क़ ने सन्यासी बना दिया।

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है, जहां बहुत से लोग फेमस होने के लिए पता नहीं क्या क्या करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो देखते ही देखते पूरी दुनिया में चर्चित हो जाते हैं। ऐसे ही एक शक्श हैं अभय सिंह उर्फ IIT वाले बाबा।

आज हम इन्हीं के जीवन के कुछ सफर को पहलुओं पर नज़र डाल रहे हैं।

अभय सिंह, जिन्हें ‘IIT वाले बाबा’ के नाम से जाना जाता है, उनकी असाधारण जीवन यात्रा से समाज का ध्यान आकर्षित किया है। हरियाणा के झज्जर जिले के सासरौली गांव में 3 मार्च 1990 को जन्मे अभय सिंह का जीवन प्रेरणादायक और रोचक घटनाओं से भरा है।

Education: प्रारम्भिक शिक्षा से IIT बॉम्बे तक का सफर

अभय सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा झज्जर में पूरी की, जहां उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। शैक्षणिक उपलब्धियों में वे सदैव अग्रणी रहे हैं। 10वीं और 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद

वे 2008 में, आईआईटी बॉम्बे में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और 2014 में बीटेक के बाद एमटेक की डिग्री हासिल की।


प्रेम की अधूरी कहानी… आज युवाओं की बर्बाद हो रही ज़िंदगानी।

कहते हैं प्यार एक खूबसूरत अहसास है। जिसे हो जाए उसे दुनिया हसीन लगती है। पर यही प्यार जब टूटता है तो सब बेकार लगता है।

ये वही इश्क है जो दुनिया से लड़ने की ताकत देता है।अफसोस जब किसी को किसी से इस इश्क में जख्म मिलते हैं, तो संभाले नहीं संभलता। कुछ लोग प्यार में असफल होकर खुद की पहचान खो देते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं इस जहां में जो खुद की ऐसी इमेज बनाते हैं कि पूरी दुनिया में मशहूर हो जाते हैं। उन्हीं में एक हैं IIT वाले बाबा जिन्हें इश्क़ में मिला ब्रेकअप, जिंदगी के सारे ब्रेक तोड़ गया। जबकि कुछ युवा अपनी ज़िंदगी को खुद नर्क बना लेते हैं। बजाय इसके- व्यस्त रहिए, मस्त रहिए। जीवन में सफलता के नए-नए रिकॉर्ड्स बनाते रहिए।।

परिणामस्वरूप:- आप भी खुश, परिवार भी खुश।

हर किसी को प्यार में मुक्कमल जहां नहीं मिलता मेरे दोस्त!

ऐसे जीवन में कई उदाहरण देखने को मिल जाएंगे जहां प्यार को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, उसी कड़ी में एक नाम और जुड़ गया जिसे लोग IIT वाले बाबा के नाम से जानते हैं। अभय सिंह की प्रेम कहानी भी उनकी जीवन यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। वे चार वर्षों तक एक रिश्ते में रहे, लेकिन किसी कारणवश उनका संबंध आगे न बढ़ सका, और वे एक दूसरे के विवाह बंधन में न बंध सके और प्रेमिका विदेश चली गईं। इस घटना ने अभय के जीवन में गहरा प्रभाव डाला और उन्हें आत्मचिंतन की ओर प्रेरित किया।

सन्यास की ओर कदम: आध्यात्मिक जागृति

अभय सिंह के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब उन्होंने अपनी चमकदार तकनीकी दुनिया से संन्यास लेकर आध्यात्मिक जीवन की ओर रुख किया।

उन्होंने अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य की खोज में ध्यान लगाया और भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गए। उनकी यह यात्रा समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो दिखाती है कि आत्मिक संतोष और शांति के लिए भौतिक उपलब्धियाँ ही सब कुछ नहीं हैं।

महाकुम्भ 2025: IIT वाले बाबा के रूप में फेमस हो गए।

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 (13 जनवरी से 26 फ़रवरी तक) में अभय सिंह की उपस्थिति ने उन्हें ‘ IIT वाले बाबा’ के रूप में प्रसिद्धि दिलाई। उनकी साधारण जीवनशैली और आध्यात्मिक दृष्टिकोण ने अनेक लोगों को प्रभावित किया। देखते ही देखते सोशल मीडिया की दुनिया में वे छा गए। उन्होंने समाज को यह संदेश दिया कि सच्ची खुशी और शांति बाहरी उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आंतरिक संतुलन और आत्मज्ञान में मौजूद है।

अभय सिंह के जीवन की यात्रा हमें यह सिखाती है कि जीवन में सफलता का अर्थ केवल बाहरी उपलब्धियाँ नहीं हैं, बल्कि आत्मिक संतोष और शांति भी महत्वपूर्ण हैं।

उम्मीद है कि ITT वाले बाबा से आप कुछ सिख कर जा रहे हैं। 👇

It can inspire you…

✓ “Sometimes, the hardest goodbyes are the ones that make you the strongest.”
“कभी-कभी, सबसे कठिन अलविदा ही हमें सबसे मजबूत बना देते हैं।“
“You lost me, but I found myself.”
“तुमने मुझे खो दिया, लेकिन मैंने खुद को पा लिया!”

यदि आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ लिया है तो अपने जीवन में सही के लिए बदलाव जरूर लाएं।।।

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